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Integrated Model Agricultural Village Yojana 2023 – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह जी ने एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना की शुरुआत 21अक्टूबर 2020 को की और यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में लागू होगी । इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य यह है,कि उत्पादन में बढ़ोतरी हो और किसानों को दोगुना आय मिले।और मुख्यमंत्री का यह भी कहना था कि एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना यह एक ऐसी अवधारणा होगी जो पत्थर का मिल साबित होगी| क्योंकि इस योजना के उपयोग से किसान के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। उत्पादन संगठनों को बढ़ावा देने के लिए किस योजना को शुरू किया ताकि इस योजना का लाभ उठाकर किसान उनके उत्पादन में बढ़ावा करें। सरकार ने कहा कि किसानों को जागरूक करने से उनके उत्पादन में बढ़ोतरी होगी | इससे राज्य की आर्थिक स्थिति में फर्क आयेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था में विकास मे बदलाव होगा | एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना
Integrated Model Agricultural Village Scheme 2023 –
योजना का नाम | एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना |
किसके द्वारा शुरू किया गया | उत्तराखंड सरकार द्वारा |
कौन कौन लाभ ले सकता हैं | | उत्तराखंड |
उद्देश्य | किसानों की आय दोगुनी करना |
पंजीकरण का प्रकार | – |
अधिकारिक वेबसाइट |
एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना के तहत किसानों को यह बताया जाएगा ,कि उन्हें खेती मशीनी कृत तथा वैज्ञानिक तरीको से करनी पड़ेगी | जिससे कि वह अपने उत्पादन में बढ़ोतरी कर सके साथ ही साथ उनके आय में भी दोगुना बढ़ावा हो सके | एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना का उपयोग करते हुए किसान के उत्पादन में तो बढ़ावा होगा ही साथ ही साथ उनकी आय में भी पहले से 2 गुना बढ़ावा होगा | उत्तराखंड में जैविक खेती को विशेष मानते हुए इस योजना को बढ़ावा दिया है | इस योजना के तहत उत्तराखंड के किसानों को शुरुआत में 2 लाख या 3 लाख तक ब्याजमुक्त ऋण दिया जाएगा | जिससे कि वह उनकी खेती कर सकें। इस योजना के माध्यम से उत्तराखंड राज्य की सरकार यह चाहती है ,कि उनके किसानों की अर्थव्यवस्था मजबूत हो और उनकी आय में बढ़ोतरी हो जिससे कि वह बड़ी आसानी से उनका जीवन यापन कर सकें | Kisan Sarkari Yojana 2023
किसानों की आय दोगुनी करना –
किसानों की आय दोगुनी करने के सरकारी प्रयासों के अत्यंत सकारात्मक परिणाम मिले हैं। इस संबंध में सरकार ने ‘किसानों की आय दोगुनी करने (डीएफआई)’ से संबंधित मुद्दों पर गौर करने के लिए अप्रैल, 2016 में एक अंतर-मंत्रालय समिति का गठन किया था जिसने इसे हासिल करने के लिए अनेक रणनीतियों की सिफारिश की थी। इस समिति ने सरकार को 14 खंडों में अपनी अंतिम रिपोर्ट सितंबर, 2018 में सौंपी थी जिसमें विभिन्न नीतियों, सुधारों और कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने की रणनीति शामिल थी। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए समिति ने आय बढ़ाने के निम्नलिखित सात स्रोतों की पहचान की –
i. फसलों की उत्पादकता में वृद्धि
ii. पशुधन की उत्पादकता में वृद्धि iii. संसाधन के उपयोग में दक्षता – उत्पादन लागत में कमी iv. फसल की सघनता में वृद्धि v. उच्च मूल्य वाली खेती की ओर विविधीकरण vi. किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाना vii. अधिशेष श्रमबल को कृषि से हटाकर गैर-कृषि पेशों में लगाना किसानों की आय दोगुनी करने की रणनीति की धारणा निम्नलिखित मुख्य सिद्धांतों पर आधारित है – i. उच्च उत्पादकता हासिल करके कृषि के समस्त उप-क्षेत्रों में कुल उत्पादन बढ़ाना ii. उत्पादन लागत को युक्तिसंगत बनाना/घटाना iii. कृषि उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना iv. प्रभावकारी जोखिम प्रबंधन v. टिकाऊ प्रौद्योगिकियों को अपनाना |
कृषि यंत्रीकरण –
मशीनीकरण कृषि के आधुनिकीकरण और खेती के कार्यों के कठिन परिश्रम को कम करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। 2014-15 से मार्च, 2022 की अवधि के दौरान कृषि मशीनीकरण के लिए 5490.82 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। सब्सिडी के आधार पर किसानों को 13,88,314 मशीन और उपकरण प्रदान किए गए हैं। किसानों को कृषि यंत्र एवं उपकरण किराये पर उपलब्ध कराने के लिये 18,824 कस्टम हायरिंग केन्द्र, 403 हाई-टेक केन्द्र एवं 16,791 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किये गये हैं। चालू वर्ष अर्थात 2022-23 में अनुदान पर लगभग 65302 मशीनों के वितरण, 2804 सीएचसी, 12 हाई-टेक केन्द्र और 1260 ग्राम स्तरीय फार्म मशीनरी बैंक स्थापित करने के लिए अब तक 504.43 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। |
एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना के मुख्य उद्देश्य –
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एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना के लाभ –
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